छाछ (Buttermilk) पीना बहुत फायदेमंद होता है। अच्छी बात यह है कि आप छाछ को घर पर भी बना सकते हैं और जब चाहें इसे पी सकते हैं।
गर्मी के दिनों में गर्मी को दूर करने के लिए छाछ से बेहतर कुछ नहीं है। आयुर्वेद में भी छाछ (Buttermilk) के गुणों का उल्लेख किया गया है।
आज हम जानेगे छाछ संबंधित सारी बाते
- छाछ क्या है?
- छाछ कितने प्रकार की होती है?
- छाछ में कौन से मैक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं?
- छाछ पीने के फायदे?
गर्मी के दिनों में हम सभी को ठंडा पीना पसंद होता है। कुछ लोग फलों का जूस पीना पसंद करते हैं तो किसी को लस्सी, किसी को कोल्ड कॉफी, कोई नींबू पानी और कोई छाछ। हालांकि इसके अलावा भी कई ऐसे पेय पदार्थ हैं जो पीने से गर्मी में राहत देते हैं, लेकिन इन दिनों गर्मी को दूर करने के लिए छाछ से बेहतर कुछ नहीं है। आयुर्वेद में भी छाछ के गुणों का उल्लेख किया गया है। दही और पानी की संतुलित मात्रा से बना छाछ गर्मी का एक बेहतरीन पेय है। कुछ लोगों को मीठी छाछ पसंद होती है तो कुछ लोग इसमें काला नमक, पुदीना, जीरा पाउडर और चाट मसाला मिलाकर पीना पसंद करते हैं। इसे भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
छाछ (Buttermilk) क्या है?
बहुत से लोग छाछ को दूध और मक्खन का मिश्रण मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दही को मथने से मक्खन अलग हो जाता है और जो बचता है उसे छाछ कहते हैं। छाछ ज्यादातर भारतीय घरों में पाई जाती है और इसका सेवन रोजाना भोजन के साथ या बाद में किया जाता है। छाछ की रेसिपी में कुछ मसाले भी शामिल हैं, जैसे जीरा पाउडर, काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ता और हरा धनिया। ये सभी तत्व छाछ के स्वाद और औषधीय गुणों को बढ़ाते हैं।
छाछ (Buttermilk) कितने प्रकार की होती है?
फुल क्रीम छाछ: छाछ (Buttermilk) प्राकृतिक दही से तैयार की जाती है। फुल क्रीम दही से बनी छाछ में चीनी मिलाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह अपनी विशेषताओं में प्राकृतिक दही के समान है।
गैर-मलाईदार छाछ: गैर-मलाईदार दही से तैयार किया गया छाछ मधुमेह रोगियों और वजन की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए एकदम सही है।
पानी छाछ: पानी के आधे अनुपात से बनी छाछ पीने से ऊर्जा और पाचन में सुधार होता है। बिना फैट वाली छाछ थकान का काम करती है और पेट को ठंडक पहुंचाती है।
छाछ (Buttermilk) में कौन से मैक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं:
छाछ एक संपूर्ण आहार है। यह पोषण से भरपूर है और इसमें एक संतुलित आहार के लिए सभी आवश्यक तत्व शामिल हैं। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, न्यूनतम लिपिड (वसा), विटामिन और आवश्यक एंजाइम होते हैं। इसका सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। छाछ में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है, इसलिए इसके सेवन से शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। आंतें इसे धीरे-धीरे अवशोषित करती हैं, क्योंकि इसकी सामग्री ज्यादातर प्रोटीन से जुड़ी होती है। छाछ पीना किसी भी अन्य स्वाद वाले पेय या सादे पानी से भी बेहतर है। किण्वित छाछ का स्वाद खट्टा होता है, लेकिन मानव शरीर और कोशिकाओं के लिए जैविक रूप से बहुत पौष्टिक होता है।
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छाछ (Buttermilk) पीने के फायदे: Benefits of drinking buttermilk
प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाता है:
छाछ (Buttermilk )में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से भरपूर पाया गया है। यह जीवाणु प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और शरीर को रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मौजूद हानिकारक रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है।
पाचन तंत्र में सुधार:
छाछ (Buttermilk) के सेवन से मसालेदार और तीखा भोजन करने से पेट में होने वाली जलन से राहत मिलती है। यह भोजन के ज्वलनशील तत्वों को साफ करता है, जिससे पेट को आराम मिलता है। इसका सेवन आप खाना खाने के बाद कर सकते हैं। इसके स्वाद और औषधीय गुणों को बढ़ाने के लिए आप इसमें अदरक और जीरा पाउडर आदि मिला सकते हैं। छाछ शरीर की गर्मी को ठंडा करने का भी काम करती है।
बवासीर(piles) का इलाज:
बवासीर के लिए छाछ एक कारगर इलाज है. अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं तो आप एक कप छाछ में चावल और केले का मिश्रण मिलाकर सेवन कर सकते हैं। दिन में दो बार इसका सेवन करने से बवासीर में आराम मिलता है।
हड्डियों को मजबूती :
दही में पानी मिलाकर बनाए गए छाछ में दूध के सभी पोषक तत्व होते हैं। यह कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है, जो शरीर की हड्डियों और उनकी संरचनाओं के लिए आवश्यक है।
बॉडी मास बढ़ाता है:
मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन आवश्यक है। छाछ कई बॉडी बिल्डरों का पसंदीदा पेय है। यह शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन प्रदान करता है और अनावश्यक कैलोरी के बिना पौष्टिक होता है। मजबूत हड्डियों, सख्त मांसपेशियों और स्वस्थ त्वचा के लिए प्रोटीन एक महत्वपूर्ण तत्व है।
वजन घटाने में मदद करता है:
छाछ एक बहुमुखी पेय है, जो आपके बढ़ते वजन को भी रोक सकता है। जो लोग अपने वजन को लेकर चिंतित हैं वे रोजाना नियमित रूप से छाछ का सेवन कर सकते हैं। छाछ दूध, दही और पनीर जैसे अन्य डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले कैलोरी और वसा के बिना शरीर को आवश्यक पोषण और एंजाइम प्रदान करता है।
कब्ज दूर करता है:
छाछ (Buttermilk) एक प्राकृतिक औषधि है, जिसका सेवन कब्ज जैसी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। यदि आप कब्ज से पीड़ित हैं, तो आप एक गिलास छाछ ले सकते हैं, जिससे आपको मल त्याग करने में आसानी होगी। यह उन लोगों के लिए भी सच है जो पर्याप्त फाइबर का सेवन नहीं करते हैं।
सर्दी जुकाम से राहत :
आम सर्दी और बहती नाक से लड़ने में छाछ को प्रभावी माना जाता है। छाछ में थोडा़ सा बारीक कटा लहसुन और अदरक मिलाकर दो-तीन बार लें।
पेट की एसिडिटी को दूर करता है:
छाछ पेट में एसिडिटी या किसी अन्य तरह की गड़बड़ी को शांत करने का काम करती है। इसके लिए आवश्यक मसालों जैसे अदरक, नमक, जीरा और काली मिर्च को मिलाकर छाछ का सेवन करें।
सनबर्न के खिलाफ उपयोगी:
अगर आप लंबे समय से धूप में हैं और आपकी त्वचा लाल और जलती हुई हो गई है, तो तुरंत राहत पाने के लिए इस उपाय को आजमाएं। आधा कप छाछ में टमाटर का रस बराबर मात्रा में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसे लगभग एक घंटे के लिए लगा रहने दें। बाद में त्वचा को धो लें। यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है और सनबर्न के कारण होने वाले दर्द को कम करता है। यह त्वचा पर लाली को भी कम करेगा।
अल्सर के खिलाफ प्राकृतिक चिकित्सा:
कई केस स्टडी ने साबित किया है कि छाछ पीना अल्सर के खिलाफ एक प्राकृतिक उपचार है। यह नाराज़गी को रोकता है और एसिड को भोजन नली में ऊपर जाने से रोकता है। इसके शीतलन प्रभाव से अल्सर को फैलने से रोका जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है:
छाछ (Buttermilk) कोलेस्ट्रॉल को कम करने और नियंत्रित करने का एक प्राकृतिक उपाय है। इसमें मौजूद तत्व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने में काफी कारगर होते हैं। यहां तक कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी छाछ के सेवन की गुणवत्ता को अच्छा बताया गया है।